प्रतिदिन एक थाली कौवे, कुत्ते तथा गाय के लिए निकालकर रखना चाहिए।
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अब विधिजी ने रोल किए फ़ायल निकालकर रखना शुरू कर दिया मेज़ पर.
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तुम न तो खानाबदोश बश्कीर है, न काल्मीक जिंनकी सारी पूंजी है जुंएं और भेडें!....” * दूसरों की छीछालेदर कसना, उनके नुकस निकालकर रखना, एक ऎसा मनोरंजन है जिस पर कुछ खर्च नहीं करना पडता, और बे-पैसे का यह मनोरंजन ही उनका एकमात्र मन-बहलाब था ।